IPL से UAE को अरबों का फायदा: 2014 में होटल और टूरिज्म से UAE ने कमाया था 295 करोड़, जानिए क्यों बार-बार दुबई हो रहे हैं मैच
7 मिनट पहले
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दुबई में 24 अक्टूबर को होने वाले भारत-पाकिस्तान मैच के लिए टूरिस्ट पहुंचने लगे हैं। होटल्स की आक्यूपेंसी फुल हो गई हैं। प्रीमियम सेगमेंट से लेकर मीडिल सेगमेंट की होटल्स मेहमानों की आमद से खुश है। 2020 ने इस इंडस्ट्री को निराश किया था, 2021 इस इंडस्ट्री को नुकसान की भरपाई करने का मौका दे रहा है। इसमें सबसे ज्यादा भूमिका निभाई है, आईपीएल ने। असल में आईपीएल फाईनल देखने बडी संख्या में लोग भारत और अमेरिका, सउदी अरब, कनाडा जैसे देशों से दुबई पहुंचे। इसलिए हमने ग्राउंड रियालिटी जानने के लिए बात की टूरिज्म और होटल इंडस्ट्री से जुडे कुछ लोगों से-
IPL और UAE इकोनॉमी
आईपीएल 2014: यूएई ने तीन बार इंडियन प्रीमियम लीग का आयोजन किया है। भारत में आम चुनाव के चलते 2014 में आईपीएल भारत से बाहर ले जाना पड़ा था। तब BCCI ने दुबई को चुना था। जबकि 2009 में साउथ अफ्रीका गए थे। लेकिन 2014 में बारी आई तो दोबारा अफ्रीका जाने के बजाए वो UAE गए।
दुबई की खूबसूरती की एक तस्वीर।
ग्लोबल कंसलटेंसी केपीएमजी के मुताबिक आईपीएल 2014 ने यूएई की इकोनॉमी को 147.5 मिलियन दिरहम का फायदा कराया। एक दिरहम यानी 20 रुपए। 147.5 मिलियन दिरहम यानी करीब 295 करोड़ रुपए। इसमें बड़ा फायदा होटल इंडस्ट्री और टूरिज्म को मिला।
आईपीएल 2020: वैश्विक महामारी के चलते 2020 में आईपीएल का आयोजन फिर से दुबई में हुआ और इस साल आईपीएल ने 2014 की तुलना में यूएई की अर्थव्यवस्था को कम कॉन्ट्रीब्यूट किया। इस आईपीएल ने लगभग 85 मिलियन दिरहम यानी 171 करोड़ रुपए का कॉन्ट्रीब्यूशन दिया। इसमें होटल इंडस्ट्री को वैश्विक महामारी से लगे झटके से उबरने में मदद मिली।
आईपीएल 2021: कोरोना की दूसरी लहर के चलते भारत में आईपीएल स्थगित हुआ और एक बार फिर दुबई पहुंचा। वैश्विक महामारी के चलते नए प्रोटोकॉल लागू किये गए। 14 बॉयलॉजिकल बबल में टीम और सहयोगियों को ठहराया गया। आधी कैपिसिटी में स्टेडियम में दर्शक भी आए, इस आईपीएल ने इकोनॉमी को कितना कॉन्ट्रीब्यूशन दिया इसके आंकड़े अभी स्पष्ट नहीं है। इस बार भी होटल इंडस्ट्री को आयोजन का लाभ निश्चित तौर पर मिल रहा है।
दुबई के होटल्स का एक नजारा
आईपीएल यूएई में ही क्यों?
बड़ी संख्या में प्रवासी भारतीयों की दुबई में मौजूदगी यहां क्रिकेट का जुनून बढ़ा देती है। यहां के मूल निवासियों में भले ही क्रिकेट का शौक कम हो लेकिन सबसे बड़ा प्रवासी समुदाय होने के कारण क्रिकेट यहां बहुत पसंद किया जाता है लिहाजा आयोजकों को अच्छा रिस्पांस मिलता हैं।
टूरिस्ट क्यों दुबई आ रहे हैं
यूएई की अर्थव्यवस्था और उसमें भी दुबई की अर्थव्यवस्था में टूरिज्म का बड़ा योगदान है। इंडियन प्रीमियम लीग जब यूएई में होती है तो ना केवल भारत में रहने वाले भारतीय बल्कि अन्य देशों में बसे भारतीय भी बड़ी संख्या में मैच देखने आते हैं जिसका फायदा ओवरऑल टूरिज्म इंडस्ट्री को मिलता है। गौरतलब हैं कि भारत से सबसे ज्यादा टूरिस्ट हर साल दुबई पहुंचते हैं।
अन्य देशों से भी प्रवासी भारतीय घूमने यहां आते हैं लेकिन ओवरसीज सिटीजन ऑफ इंडिया जो कि अन्य देशों की नागरिकता ग्रहण कर वहां के पासपोर्टधारक बन जाते हैं उनका हेडकाउंट अन्य देशों से आने वाले पर्यटकों में होता है।
यूएई और भारतीय पर्यटक
- 2019 – 9,97000
- 2020- 8,65000
- 2021 – 4,35000 (जनवरी से अगस्त तक)
दुबई में 715 होटल्स है –
- होटल में 1,28,545 रूम
- दुबई में 25376 अपार्टमेंट
- अपार्टमेंट 197 होटल
लंदन, मैनचेस्टर और मुंबई के लोग आ रहे हैं
दुबई में 10 साल से अधिक समय से होटल इंडस्ट्री में काम कर रहे अमित मूलचंदानी बताते हैं कि स्पोर्टस इवेंट इंडस्ट्री को पॉजिटिव ग्रोथ दे रहे हैं। आईपीएल टीम, टीम मैनेजमेंट, आर्गेनाईजर की मौजूदगी ने प्रीमियम सेगमेंट की होटल्स की ऑक्यूपेंसी बढ़ा दी है। भारत, लंदन, मैनचेस्टर जैसी जगहों से क्रिकेटप्रेमी खेल का मजा लेने आए है। टी-20 वर्ल्डकप में ऐसे मेहमानों की संख्या और बढ़ेगी।
उनके अनुसार होटल्स का ऑक्यूपेंसी रेट बढ़ा है इसका असर होटल के टैरिफ पर साफ नजर आ रहा है जो पिछले महीनों की तुलना में बढ़ चुका है। इन इवेंट्स में बढ़ी संख्या में हाई नेटवर्थ वाले इंडिविजिअुल्स भाग लेते हैं जिसका असर ना केवल टूरिज्म पर बल्कि ओवरऑल बिजनेस और इनवेस्टमेंट सब पर दिखाई देता है। अगले छह महीने तक होटल इंडस्ट्री में खूब तेजी रहेगी।
टिकटों के लिए चल रही है मारामारी
पांच साल से टूर गाइड का काम कर रहे बलदेव सिंह बताते हैं कि क्रिकेट का असर टूरिज्म पर है। एक्सपो के कारण भी टूरिस्ट बढ़ गए है और कई लोग ऐसे भी है, जिनकी रुचि दोनों में है। वो एक्सपो में भी भाग लेना चाहते हैं और एक मैच भी देखना चाहते हैं। कई गेस्ट हमसे मैच टिकट अरेंज करने की रिक्वेस्ट करते हैं।
वह बताते हैं, टूर ऑपरेटर संजीव सक्सेना भी टूरिज्म की ग्रोथ में क्रिकेट के असर को स्वीकारते हुए कहते हैं कि बीते साल लॉकडाउन और पैनडेमिक के चलते कई लोगों ने टूर प्लान कैंसल किये थे। इस साल मॉर्केट के सेंटीमेंटस पॉजीटिव हैं लोग कोरोना के दौर को भूलना चाहते हैं।
उसे भूलाने के लिए खेल का रोमाचं अहम भूमिका निभा रहा है। होटल्स में तो टूरिस्ट बढ़े है साथ ही एक बडी संख्या उन खेलप्रेमियों की भी है जो दोस्तों और रिश्तेदारों के यहां शार्टस्टे करते हैं और मैच एंजॉय कर के वापस चले जाते हैं।
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