क्रिकेटर यश दयाल के कोच का इंटरव्यू: बोले- जबरदस्त लड़का है, बांग्लादेश में होने वाले वन-डे मैच में जलवा बिखेरेगा
प्रयागराज2 घंटे पहलेलेखक: अंजनी श्रीवास्तव
बांग्लादेश दौरे पर जाने वाली भारतीय क्रिकेट टीम में यश दयाल का चयन होने के बाद अब उससे बहुत उम्मीदें हैं। दरअसल यश ने यूपी की ओर से खेलते हुए 142 किमी. की रफ्तार से गेंद फेंककर सनसनी फैला दी थी। अब तक वह 12 प्रथम श्रेणी मैचों में 45 विकेट, लिस्ट ए क्रिकेट के 14 मैचों में 23 विकेट और T20 के 15 मैचों में 15 विकेट ले चुके हैं। वहीं मध्यम गति के गेंदबाज यश दयाल ने आईपीएल प्रतियोगिता में चैंपियन टीम गुजरात लायंस के लिए खेलते हुए कुल नौ मैचों में 9.25 की इकोनामी के साथ गेंदबाजी करते हुए 11 विकेट झटके थे।
उनका जन्म प्रयागराज के करबला में 13 दिसंबर, 1997 को हुआ था। पिता चंद्रपाल दयाल भी एक तेज गेंदबाज रहे हैं। अब बांग्लादेश के साथ वन-डे मैच को लेकर क्रिकेट प्रेमियों और स्थानीय खिलाड़ियों के साथ यश के कोच भी उत्साहित हैं। उनके कोच रहे कौशिक पाल से दैनिक भास्कर ने खूबियों और उसकी कमियों को लेकर बात की। जानने का प्रयास किया कि यश बांग्लादेश में होने वाले वन-डे मैच में किस तरह अपना जलवा बिखेरेंगे। पेश है बातचीत के प्रमुख अंश…
कोच कौशिक पाल।
सवाल: यश किस उम्र में आपके पास क्रिकेट की बारीकियां सीखने आए?
जवाब: यश के फादर 2009 में मेरे पास मदन मोहन मालवीय स्टेडियम में लेकर आए थे। उस वक्त उसकी उम्र महज 12 या 14 वर्ष रही होगी।
सवाल: कैसे आपको लगा कि यश के अंदर एक अच्छे बॉलर बनने की पूरी क्षमता है?
जवाब: यश की बॉलिंग ग्रिप अच्छी थी, उसका रनअप अच्छा था। उसकी गैदरिंग बढ़िया थी। उसका फॉलो थ्रू बढ़िया था। उसके अंदर एक बेहतर खिलाड़ी बनने के सभी गुण थे।
गेंदबाजी एक्शन में यश।
सवाल: यश को लेकर आपके मन क्या चिंता थी?
जवाब: दरअसल यश के अंदर एक अच्छे गेंदबाज बनने की पूरी क्षमता शुरू से दिख रही थी, लेकिन एक कमी खटक रही थी। उसके अंदर कुछ फिटनेस का अभाव था। लेकिन, इस उम्र में बच्चे फिटनेस कम करते हैं। पहले उसके फिटनेस को फोकस किया और उसने मेरे साथ बहुत मेहनत की। इसी का नतीजा था कि उसका 2017 में यूपी 20 टीम में चयन हुआ। उसने एक मैच में 6 विकेट लिए। इसके बाद तेजी से हाइलाइट हुआ। फिर मुश्ताक अली रणजी ट्राफी में चयन हुआ।
यs तस्वीर 2015 की है, जब मदन मोहन मालवीय स्टेडियम में यश दयाल प्रैक्टिस किया करते थे।
सवाल: यश को लेकर क्या उम्मीदें हैं?
जवाब: जबरदस्त लड़का है, प्रतिभाशाली है। उससे काफी उम्मीदें हैं। उस बच्चे के अंदर बड़ी स्ट्रेंथ है। मुझे तो लगता है कि वो लड़का यदि फिटनेस इसी तरह मेंटेन रखेगा तो वो देश का नंबर वन बॉलर बन सकता है।
गुजरात लायंस टीम के साथ यश दयाल।
सवाल: यश में एक अच्छे बॉलर बनने के क्या-क्या पॉजीटिव गुण हैं?
जवाब: यश का बॉल लेकर भागने का तरीका, उसका लोडिंग और उसका फाॅलो थ्रो नेचुरल है। उसका स्मूथ बाॅल लेकर भागना, उसका बाउंसर जबर्दस्त है। उसको समझ पाना बहुत टफ होता है। एक्सीलेंट बाउंसर मारता है। बैट्स मैन उस बॉल को हुक के लिए जाता है और विकेट गवां बैठता है। बुमरा के अलावा इतना परफेक्ट बाउंसर अपने भारत में देखने को नहीं मिला।
क्रिकेटर आदित्य पाल।
आइए, अब जानते हैं, उन जूनियर खिलाड़ियों का यश दयाल के बारे में क्या कहना है?
नेट प्रैक्टिस में समय से पहले रहते थे मौजूद
क्रिकेटर आदित्य पाल का कहना है कि यश भइया प्रैक्टिस के लिए हमेशा समय से पहले फील्ड पर मौजूद रहते थे। उनके साथ प्रैक्टिस करने में बड़ा मजा आया है। एक तरह से यश सीनियर के तौर पर अच्छे बाॅलर हैं। उनका व्यवहार भी मिलनसार रहा है।
क्रिकेटर अनुराग यादव।
वहीं, अनुराग यादव का कहना है कि यश भइया जब भी नेट पर बॉलिंग करने आते थे, वो अपनी कमियों को पूरी तरह से सुधारने का प्रयास करते थे। अनंत राव ने भी अपना अनुभव साझा करते हुए कहा कि यश दयाल के साथ प्रैक्टिस मैच खेलने का अवसर मिला है। उस मैच के दौरान भी वह पूरी तरह से सीरियस रहते थे।
क्रिकेटर सत्यम सिंह।
वहीं सत्यम सिंह ने बताया कि यश के साथ खेलने के दौरान उनके अंदर एक अच्छी खूबी होती थी। वह किसी भी खिलाड़ी की कमियों को बखूबी बताते थे। पूरा सहयोग भी देते थे।
क्रिकेटर अनंत राव।
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