विनेश की माफी का फेडरेशन पर नहीं पड़ा कोई असर: WFI अध्यक्ष ने दी चेतावनी कहा- स्पॉन्सर से ली मदद तो नहीं मिलेगा किसी भी इवेंट में खेलने का मौका
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3 मिनट पहले
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टोक्यो ओलिंपिक को दौरान अनुशासनहीनता के आधार पर भारतीय कुश्ती संघ (WFI) ने महिला पहलवान विनेश फोगाट पर प्रतियोगिता में भाग लेने पर रोक लगा दी थी, जिसके लिए कुछ ही समय पहले विनेश ने WFI से माफी भी मांगी। मगर भारतीय कुश्ती संघ अभी भी महिला पहलवान से नाराज है।
दरअसल, ओलिंपिक के दौरान विनेश ने साथी खिलाड़ियों के साथ ठहरने से इनकार कर दिया था और टूर्नामेंट के दौरान उनके साथ ट्रेनिंग भी नहीं की थी। इसके साथ ही विनेश ने भारतीय दल के आधिकारिक प्रायोजक के बजाय निजी प्रायोजक के नाम का ‘सिंगलेट’ पहना था, जिससे WFI ने उन्हें निलंबित कर दिया था और उन्हें नोटिस जारी कर जवाब भी मांगा था।
अनुशासन समिति के पास पहुंचा मामला
विनेश ने नोटिस का जवाब दे दिया है, लेकिन फेडरेशन के अध्यक्ष ब्रिजभूषण शरण सिंह इससे सहमत नजर नहीं आए। WFI अध्यक्ष के मुताबिक, विनेश जैसे सीनियर खिलाड़ी फेडरेशन से बात करने के बजाए स्पॉन्सर्स को अपनी परेशानी बताते हैं।
इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए उन्होंने कहा- हमने यह मामला अपनी अनुशासन समिति को दिया है। वह विनेश, सोनम और दिव्या काकरण को बुलाएगी। यह कहना आसान है कि गलती हो गई, लेकिन अहम यह है कि आपसे वह गलती क्यों हुई। विनेश का कहना है कि टीम के बाकी खिलाड़ियों को सुरक्षित रखना चाहती थी इसलिए उसने साथ में ट्रेनिंग नहीं की, लेकिन हमारी किट न पहनने का उनके पास क्या कारण है। उनकी गलती के कारण मुझे शर्मिंदा होना पड़ा। वह सीनियर रेसलर हैं, ऐसा कैसे कर सकती हैं। फेडरेशन किसी एक खिलाड़ी के लिए नहीं है हमें सबके बारे में सोचना पड़ता है।
टोक्यो ओलिंपिक के क्वार्टर फाइनल में हार गई थी विनेश फोगाट
स्पॉन्सर से मदद मांगने पर नहीं मिलेगा खेलना का मौका
फेडरेशन के अध्यक्ष ने ये साफ कर ये साफ कर दिया है कि, अगर कोई भी खिलाड़ी जेएसडब्ल्यू और ओजीक्यू जैसे समूहों की मदद लेगा तो उसे खेलने का मौका नहीं मिलेगा। उन्होंने साफतौर पर कहा, खिलाड़ियों को अगर आर्थिकर मदद चाहिए तो उसके लिए फेडरेशन और टॉप्स काफी है।
WFI अध्यक्ष के अनुसार- सरकार ने खिलाड़ियों पर लगभग 85 करोड़ रुपए खर्च किए। प्राइवेट कंपनियां उतना पैसा खर्च नहीं करती और न ही वह हमें बताती है कि क्या चल रहा है। अगर उन्हें मदद करनी है तो जूनियर खिलाड़ियों की करें उनकी नहीं जो मेडल लाने के करीब है।
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