Updated News Around the World

द्रविड़ के सामने पहाड़ जैसा चैलेंज: ICC ट्रॉफी का सूखा खत्म करना पहला टारगेट, टी-20 और वनडे में फिर से फियरलेस अप्रोच लाने पर होगा जोर

  • Hindi News
  • Sports
  • Cricket
  • Rahul Dravid | Team India Head Coach Rahul Dravid Five Challenges Ahead T20 Series Against New Zealand

6 मिनट पहले

  • कॉपी लिंक

टीम इंडिया के नए हेड कोच राहुल द्रविड़ ने न्यूजीलैंड के खिलाफ टी-20 सीरीज से पहले अपना रोल निभाना शुरू कर दिया है। रवि शास्त्री के मार्गदर्शन में टी-20 वर्ल्ड कप में नाकामी का सामना करने वाली टीम इंडिया अब द्रविड़ के हवाले है, जो क्रिकेट की दुनिया में “द वॉल’ के नाम से प्रसिद्ध हैं। शास्त्री के बाद ये जिम्मा संभालना द्रविड़ के लिए लड़खड़ाई टीम के लिए 3 नंबर पर बल्लेबाजी करने जैसा ही है। टीम में टैलेंट और अनुभव की कमी नहीं है, लेकिन हालिया नाकामी से इंडिया को उबारना द्रविड़ के लिए चुनौती से कम नहीं है।

पहली चुनौती: ICC खिताब जीतना
वन डे, टेस्ट और टी-20 वर्ल्ड कप में से कोई भी खिताब भारतीय टीम को नहीं मिला है। 2011 वर्ल्ड कप खिताब के बाद 2013 में टीम इंडिया चैंपियंस ट्रॉफी जीती थी और इसके बाद ऐसा कोई टूर्नामेंट टीम ने नहीं जीता। कोच के तौर पर रवि शास्त्री और कैप्टन के तौर पर कोहली की भी यही नाकामी रही है। द्रविड़ के सामने बड़ी चुनौती टीम इंडिया को विनिंग ट्रैक पर वापस लाना है। उन्हें टी-20 वर्ल्ड कप के नॉकआउट राउंड में भी न पहुंचने वाली टीम के प्लेयर्स को मैच विनर में तब्दील करना होगा।

दूसरी चुनौती: व्हाट बॉल में फियरलेस क्रिकेट
लिमिटेड ओवर क्रिकेट में टीम इंडिया अपनी फियरलेस क्रिकेट को खो चुकी है। सहवाग-गंभीर, गंभीर-धवन जैसे ओपनर्स के साथ युवराज, रोहित, कोहली जैसे बल्लेबाजों ने गजब की फियरलेस क्रिकेट खेली। 2011 के बाद से टीम में इसकी कमी दिखाई दी है। वन-डे वर्ल्ड कप, टी-20 वर्ल्ड कप में यही देखने को मिला कि जैसे ही शुरुआती विकेट गिरे टीम इंडिया बैकफुट पर दिखी, जबकि टीम में केएल राहुल, पंत, अय्यर, सूर्यकुमार जैसे फियरलेस क्रिकेटर मौजूद हैं।

तीसरी चुनौती: न्यूजीलैंडका दौरा
न्यूजीलैंड की टीम भारत दौरे पर है, जो टी-20 और टेस्ट सीरीज खेलेगी। पहला टी-20 मुकाबला जयपुर में होना है। टीम में कप्तान भी नए होंगे और कोच भी। कुछ सीनियर खिलाड़ियों को रेस्ट दिया गया है। इनमें विराट कोहली, रविंद्र जडेजा, जसप्रीत बुमराह और मो. शमी शामिल हैं। वर्ल्ड कप की फाइनलिस्ट न्यूजीलैंड के कैप्टन केन विलिम्सन को भी आराम दिया गया है। इंडिया के लिए यही एक राहत की बात कही जा सकती है, पर ज्यादातर खिलाड़ी नए हैं। द्रविड़ को उतना समय भी नहीं मिल पाया है जो खिलाड़ियों के साथ घुलने-मिलने के लिए पर्याप्त हो।

चौथी चुनौती: टीम में बैलेंस
टी-20 स्क्वॉड में रोहित, भुवनेश्वर और अश्विन जैसे अनुभवी प्लेयर्स हैं। लेकिन, घरेलू क्रिकेट और IPL में शानदार परफॉरमेंस करने वाले नए चेहरे भी हैं। इनमें ऋतुराज गायकवाड़, आवेश खान, वेंकटेश अय्यर और हर्षल पटेल भी हैं। युवा श्रेयस, राहुल, पंत और ईशान भी टीम का हिस्सा हैं। अनुभव और टीम का सही बैलेंस ही जीत में अहम भूमिका निभाएगा और ये आसान काम नहीं है।

पांचवीं चुनौती: फ्यूचर प्लानिंग
रोहित शर्मा 34 के हो चुके हैं और विराट 33 के, ऐसे में भविष्य के लिए बड़ा सवाल ये है कि इनके बाद कौन? भारत को भविष्य के लिए कैप्टन भी तैयार करना है। केएल राहुल, ऋषभ पंत और श्रेयस अय्यर ऐसे कैंडिडेट में शामिल हैं। जसप्रीत बुमराह को भी इसी श्रेणी में शामिल किया जा सकता है। इनमें से किसी एक को चुनना और उसे भारतीय टीम की कैप्टेंसी के बेहद मुश्किल रास्ते के लिए तैयार करना भी मुश्किल काम है। लेकिन, वीवीएस लक्ष्मण को नेशनल क्रिकेट एकेडमी का जिम्मा सौंपे जाने के साथ ही ये काम आसान हो सकता है। लक्ष्मण और द्रविड़ मिलकर ठीक उसी तरह का करिश्मा कर सकते हैं, जैसा उन्होंने 2001 में कोलकाता के ईडन गार्डंस टेस्ट में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मैराथन पारियां खेलकर किया था।

छठवीं चुनौती: वर्कलोड
वनडे, टेस्ट और टी-20 के अलावा IPL ने भारतीय खिलाड़ियों पर वर्कलोड बहुत बढ़ा दिया है। ऐसे में बड़े मौकों पर अक्सर वर्कलोड का असर दिखाई देता है। टी-20 वर्ल्ड कप में हार के बाद भी यह मुद्दा उठा था। अब द्रविड़ और रोहित शर्मा दोनों ने ही वर्कलोड को कम करने को लेकर बयान दिया है। द्रविड़ ने कहा कि जिस तरह से फुटबॉल में खिलाड़ियों को मानसिक और शारीरिक रूप से सक्षम रखने के लिए रेस्ट दिया जाता है, उसी तरह हमें क्रिकेट में करना होगा। रोहित ने भी कहा कि लड़के मशीन नहीं हैं। सभी को मजबूत मानसिक स्थिति और आगे आने वाली क्रिकेट के लिए फ्रेश रखने के लिए रेस्ट देना होगा।

सातवीं चुनौती: भरोसा जीतना
द्रविड़ को टीम के सीनियर और यंग खिलाड़ियों का भरोसा जीतना होगा ताकि वे अपनी योजना पर उनके सहयोग से सही तरह से काम कर सकें। भारतीय क्रिकेट की ICC ट्रॉफी में परफॉर्मेंस के नजरिए ये बेहद जरूरी है। टीम को एक मजबूत यूनिट में तब्दील करने के लिए भरोसा जीतना बेहद अहम है। लगातार नए चेहरे टीम में आ रहे हैं और सीनियर प्लेयर्स भी मौजूद हैं। द्रविड़ के विश्वसनीय और टीम इंडिया के बॉलिंग कोच पारस महाम्रे ने कहा कि खिलाड़ियों का भरोसा जीतने के लिए उनसे कैजुअल चैट भी जरूरी है।

आगे कैसा होगा टीम इंडिया का स्वरूप
महाम्रे का कहना है कि हम सही राह पर चल रहे हैं। हम चाहते हैं कि पहले खिलाड़ियों को फर्स्ट क्लास क्रिकेट में ग्रैजुएट करें, उन्हें स्थापित करें और फिर इंटरनेशनल क्रिकेट में उन्हें आगे बढ़ाएं। उन्होंने कहा कि द्रविड़ खिलाड़ियों से बात करेंगे। इसमें टेक्नीक, माइंडसेट, खेल की समझ शामिल है। ऐसे में आगे चलकर टीम के सेलेक्शन, खिलाड़ियों की अप्रोच और उनकी परफॉर्मेंस में द वॉल राहुल द्रविड़ की छाप दिखना तय है।

खबरें और भी हैं…

For all the latest Sports News Click Here 

 For the latest news and updates, follow us on Google News

Read original article here

Denial of responsibility! NewsUpdate is an automatic aggregator around the global media. All the content are available free on Internet. We have just arranged it in one platform for educational purpose only. In each content, the hyperlink to the primary source is specified. All trademarks belong to their rightful owners, all materials to their authors. If you are the owner of the content and do not want us to publish your materials on our website, please contact us by email – [email protected]. The content will be deleted within 24 hours.