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पंजाब किंग्स के प्लेऑफ से बाहर होने के 5 कारण: कप्तान मयंक का फ्लॉप शो, महंगे खिलाड़ियों का ना चलना भारी पड़ा

मुंबईएक घंटा पहलेलेखक: कुमार ऋत्विज

PBKS को इस सीजन की बैलेंस टीमों में से एक माना जा रहा था। फैंस को यकीन था कि 14 वर्षों का ट्रॉफी का सूखा आखिरकार खत्म होगा। पंजाब किंग्स की टीम ने उम्मीदों पर खरे उतरते हुए IPL 2022 की शुरुआत भी धमाकेदार अंदाज में की। इस टीम ने अपने पहले ही मुकाबले में RCB के खिलाफ 200 से ज्यादा रन का टारगेट हासिल कर दिखा दिया था कि इस बार वह जीत की प्रबल दावेदार है।

फिर वक्त बदला, हालात बदले और फैंस के जज्बात भी बदल गए। मौजूदा हालात ये हैं कि पंजाब 13 में से 6 जीत और 7 हार के साथ प्लेऑफ की दौड़ से बाहर हो गई है। अनिल कुंबले की कोचिंग में लगातार तीसरे साल पंजाब को हार का मुंह देखना पड़ा। ऐसा क्यों हुआ और पंजाब की टीम से कहां चूक हो गई, पूरी कहानी 5 पॉइंट्स में समझें..

1) कप्तान मयंक का फ्लॉप शो पड़ा पंजाब की उम्मीदों पर भारी

कहते हैं कि टीम छू लेती है जीत कर आसमान, जब कप्तान चल पड़ता है सीना तान। केएल राहुल ने जब पंजाब छोड़कर लखनऊ की टीम का हिस्सा बनने का फैसला किया, तो PBKS मैनेजमेंट ने मयंक को कप्तानी की जिम्मेदारी सौंपी। उम्मीद जताई जा रही थी कि उनका प्रदर्शन बेहतर होगा और वह टीम को अपने दम पर मुकाबले जिताएंगे।

मयंक इस पूरे सीजन के सबसे सुपर फ्लॉप कप्तान साबित हुए। ओपनिंग में लगातार निराशाजनक प्रदर्शन करने के बाद उन्हें मिडिल ऑर्डर में भेजा गया, लेकिन वहां भी उनसे रन नहीं बने।

स्वाभाविक तौर पर कप्तान के खराब प्रदर्शन का असर बाकी खिलाड़ियों पर भी पड़ा। वह टीम को बुलंद इकबाल के साथ मैनेज नहीं कर सके। मयंक के खराब प्रदर्शन ने टीम की लुटिया डुबो दी।

मयंक अग्रवाल की बजाय शिखर धवन को कप्तानी की जिम्मेदारी सौंपी जा सकती थी। इस सीनियर स्टार खिलाड़ी ने टूर्नामेंट में अच्छा प्रदर्शन किया। हालांकि कुछ बड़े मौकों पर वह चूक गए।

शिखर कप्तान के रूप में लंबे वक्त से जिम्मेदारी निभाते रहे हैं और वह इस बार भी सफलता की नई ऊंचाइयों पर टीम को ले जा सकते थे। शिखर का प्रदर्शन भी इस सीजन मयंक की तुलना में कहीं बेहतर रहा।

टीम मैनेजमेंट ने कप्तान चुनने में हड़बड़ी दिखाई और उसी का नतीजा रहा, आज वह प्रतियोगिता से बाहर हो चुकी है। रिटेन किए गए मयंक की जगह ऑक्शन में चुने गए शिखर पर टीम को लीड करने की जिम्मेदारी सौंपी जा सकती थी।

2) तीन महंगे खिलाड़ी नहीं कर सके उम्मीद के मुताबिक प्रदर्शन

पंजाब किंग्स ने IPL मेगा ऑक्शन में जॉनी बेयरस्टो(6.75 करोड़), शाहरुख खान (9 करोड़),और ओडियन स्मिथ (6 करोड़) को बहुत ज्यादा कीमत देकर खरीदा लेकिन ये तीनों ही खिलाड़ी अपनी सैलरी के साथ इंसाफ नहीं कर सके।

जॉनी बेयरस्टो जब आखिर के मुकाबलों में फॉर्म में लौटे, तब काफी देर हो चुकी थी। भारत के युवा सितारे शाहरुख खान से पंजाब की टीम ने फिनिशर का रोल निभाने की उम्मीद की थी लेकिन वह बमुश्किल रन जुटा सके।

अंतिम में 7 मुकाबलों के बाद रिटेन किए गए शाहरुख को टीम से ड्रॉप करना पड़ा। शाहरुख का बुरा प्रदर्शन PBKS पर भारी पड़ा।

कैरेबियाई ऑलराउंडर ओडियन स्मिथ से पंजाब ने गेल की तरह तेजी से रन बटोरने की आस लगा रखी थी। ओपनिंग मैच में उन्होंने बेंगलुरु के खिलाफ ऐसा किया भी, लेकिन फिर मानो उनके बल्ले को जंग लग गया।

बैटिंग में फ्लॉप रहते हुए उन्होंने गेंदबाजी से टीम को जीता हुआ मुकाबला हरा दिया। उनकी साधारण बॉलिंग पर ही अंतिम ओवर की अंतिम 2 गेंदों पर 2 छक्के जड़कर राहुल तेवतिया ने पंजाब के जबड़े से जीत छीन ली थी।

3) कगिसो रबाडा का साथ निभाने के लिए दूसरे छोर से नहीं था कोई एक्सप्रेस स्पीड गेंदबाज

पंजाब के साथ भी मुंबई इंडियंस वाली समस्या पेश आई। कगिसो रबाडा के अलावा टीम के पास दूसरा एक्सप्रेस स्पीड गेंदबाज नहीं था। ऐसा गेंदबाज जो बल्लेबाजों को पेस से धमकाकर उनके विकेट चटका सके। मुंबई इंडियंस को भी बुमराह के साथ दूसरे छोर से बल्लेबाजों पर दबाव बनाने वाला कोई बॉलर नहीं मिला, परिणाम हुआ कि MI टूर्नामेंट से बाहर होने वाली पहली टीम बन गई।

वैभव अरोड़ा पर पंजाब की टीम मैनेजमेंट ने भरोसा जताया, लेकिन उसे निराशा हाथ लगी। वैभव 5 मुकाबले खेलकर 3 विकेट ही चटका सके। इस दौरान उनकी इकोनॉमी 9.20 रही।

अर्शदीप सिंह ने जरूर थोड़ी बेहतर बॉलिंग की लेकिन वह हर मुकाबले में जरूरत के वक्त विकेट नहीं ले सके। टुकड़ों में ही उनका प्रदर्शन टीम के लिए फायदेमंद रहा।

स्पिनर राहुल चाहर बिल्कुल भी छाप नहीं छोड़ सके। मुंबई इंडियंस के लिए लगातार बेहतर गेंदबाजी करने के कारण पंजाब में उन्हें इस बार ऑक्शन में अपनी टीम का हिस्सा बनाया।

PBKS का यह दांव बुरी तरह उल्टा बैठा। जूनियर एबी कहे जा रहे डेवाल्ड ब्रेविस ने राहुल के खिलाफ एक ही ओवर में 4 छक्के जड़कर उनकी गेंदबाजी की लय पूरी तरह से बिगाड़ दी।

जहां एक तरफ युजवेंद्र चहल और कुलदीप यादव अपनी टीमों को गेंदबाजी के बूते मुकाबले में जीत दिलाते रहे, राहुल चाहर ऐसा कर पाने में नाकाम रहे।

4) लिविंगस्टोन को छोड़कर बाकी खिलाड़ियों में निरंतरता की कमी पड़ी पंजाब के किंग्स को भारी

खिलाड़ियों के प्रदर्शन में निरंतरता नजर नहीं आई। गुजरात , लखनऊ और राजस्थान की तरह पंजाब लगातार मुकाबले जीतने की जिद नजर नहीं आई। हर जीत के बाद वह मुकाबले गंवा देती थी। लियाम लिविंगस्टोन को छोड़कर कोई भी बल्लेबाज शुरुआती 10 मुकाबलों में कंसिस्टेंट परफॉर्मेंस नहीं कर सका।

लिविंगस्टोन एक आक्रामक खिलाड़ी हैं। अगर दूसरे छोर पर टीम का कोई बल्लेबाज पारी एंकर करता, तो लिविंगस्टोन खुलकर खेलते हुए टीम को बड़े टारगेट तक ले जा सकते थे।

बेंगलुरु के खिलाफ हमने देखा कि जब जॉनी बेयरस्टो ने शुरुआती ओवर में आतिशी बल्लेबाजी करते हुए 1 छोर पकड़ कर रखा, तो लिविंगस्टोन ने भी तेज 70 रन बना दिए। परिणाम हुआ कि PBKS बड़े अंतर से मैच जीत गई। यही रणनीति अगर टीम ने पहले अमल में लाई होती, तो वह बुरी तरह हार कर आईपीएल से बाहर नहीं होती।

5) खिलाड़ियों के प्रति टीम मैनेजमेंट का रवैया लंबे अरसे से सवलों के घेरे में
PBKS के टीम मैनेजमेंट पर वर्षों से सवाल उठते रहे हैं। कहा जाता है कि वहां कप्तान और कोच को अपने हिसाब से टीम का चयन करने की छूट नहीं दी जाती। इसी का परिणाम रहा कि केएल राहुल ने पंजाब के लाख रोकने पर भी उनका साथ छोड़ना ही उचित समझा।

पंजाब किंग्स छोड़कर नई टीम लखनऊ सुपर जायंट्स का दामन थामने वाले राहुल इस सीजन 14 मुकाबलों में 2 शतक की मदद से 537 रन बना चुके हैं।

पंजाब किंग्स छोड़कर नई टीम लखनऊ सुपर जायंट्स का दामन थामने वाले राहुल इस सीजन 14 मुकाबलों में 2 शतक की मदद से 537 रन बना चुके हैं।

PBKS नहीं चाहता था कि टूर्नामेंट के सबसे सफल बल्लेबाजों में शुमार केएल राहुल ऑक्शन में उतरें। वह मुंह-मांगी रकम देकर राहुल को रोकने के लिए तैयार था। हालांकि, राहुल ने मैनेजमेंट की एक ना सुनी। उन्होंने ऑक्शन में जाने की बजाय नई टीम लखनऊ सुपर जायंट्स का हिस्सा बनना उचित समझा। पंजाब छोड़ते ही राहुल एक सफल कप्तान बन गए। आज लखनऊ सुपर जायंट्स प्लेऑफ में जगह बना चुकी है।

वीरेंद्र सहवाग ने भी पंजाब किंग्स की कोचिंग लगातार दखलंदाजी से परेशान होकर ही छोड़ी थी। लगातार 15वां साल होगा, जब पंजाब की टीम IPL ट्रॉफी नहीं जीत सकेगा। खिलाड़ियों पर दोषारोपण करने के अलावा पंजाब किंग्स के मैनेजमेंट को अपने गिरेबान में झांकने की जरूरत है। उन्हें समझना होगा कि आखिर उनके रवैये के कारण अंत में नुकसान टीम का ही हो रहा है। कुल मिलाकर ये 5 कारण रहे, जिनकी वजह से पंजाब किंग्स का सफर IPL 2022 से बगैर प्लेऑफ में पहुंचे समाप्त हो गया।

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