49 के हुए सौरव गांगुली: पिता के कहने पर फुटबॉलर से क्रिकेटर बने दादा; टीम इंडिया के कप्तान बनते ही 4 साल में 4 ICC टूर्नामेंट के फाइनल में पहुंचाया
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मुंबई2 मिनट पहले
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भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) के प्रेसिडेंट सौरव गांगुली आज अपना 49वां जन्मदिन मना रहे हैं। भारत के सबसे सफल कप्तानों में शुमार गांगुली ने 2000 में टीम की कप्तानी संभाली। कप्तान बनने के बाद उन्होंने टीम इंडिया को विदेशी पिचों पर जीतना सिखाया था।
उनकी ही कप्तानी में टीम 2000 चैंपियंस ट्रॉफी और 2003 वर्ल्ड कप के फाइनल में पहुंची थी। साथ ही 2002 में इंग्लैंड में हुए नेटवेस्ट सीरीज और चैंपियंस ट्रॉफी में जीत हासिल की थी। उन्होंने एक अंडरकॉन्फिडेंट टीम इंडिया की कमान संभाली और उसे ऊंचाइयों तक पहुंचाया था।
गांगुली का जन्म 8 जुलाई 1972 को भारत में फुटबॉल का मक्का कहे जाने वाले कोलकाता में हुआ था। बचपन में गांगुली फुटबॉलर बनना चाहते थे। पर पिता के कहने पर क्रिकेट में कदम रखा। क्रिकेट में कदम रखते ही गांगुली ने लॉर्ड्स में अपने पहले टेस्ट में सेंचुरी लगाई।
उनके ऑफ साइड में लगाए गए शॉट्स देखने लायक होते थे। इसलिए गांगुली को गॉड ऑफ ऑफ-साइड भी कहा जाता है। गांगुली ने टीम को फ्रेंट से लीड किया और मुश्किल परिस्थितियों में जीतने की आदत डलवाई।
गांगुली ने युवा वीरेंद्र सहवाग, युवराज सिंह, महेंद्र सिंह धोनी, हरभजन सिंह जैसे क्रिकेटरों को हर चुनौती के लिए तैयार किया। जरूरत पड़ने पर इनको बैक भी किया। आगे चलकर यह सभी खिलाड़ी टीम इंडिया के लिए मैच विनर भी साबित हुए। हम आपको 5 ऐसे टूर्नामेंट के बारे में बता रहे हैं, जहां गांगुली ने अपनी लीडरशिप स्किल्स से सबको प्रभावित किया…
1. 2000 चैंपियंस ट्रॉफी, नैरोबी
2000 चैंपियंस ट्रॉफी नैरोबी में खेला गया था। इसमें भारत, ऑस्ट्रेलिया, साउथ अफ्रीका, पाकिस्तान, न्यूजीलैंड और श्रीलंका समेत 11 टीमों ने हिस्सा लिया। इसमें ग्रुप स्टेज की जगह नॉकआउट राउंड (प्री-क्वार्टर फाइनल) से टूर्नामेंट की शुरुआत हुई थी।
भारत ने प्री-क्वार्टर में केन्या, क्वार्टर फाइनल में ऑस्ट्रेलिया और सेमीफाइनल में साउथ अफ्रीका को हराकर फाइनल में पहुंची। हालांकि, फाइनल में टीम को न्यूजीलैंड के हाथों 4 विकेट से हार का सामना करना पड़ा। पर यहां से टीम के विदेशी पिच पर जीत की शुरुआत हुई।
चैंपियंस ट्रॉफी फाइनल के दौरान सौरव गांगुली।
2. 2002 नेटवेस्ट सीरीज, इंग्लैंड
टीम इंडिया 2002 में 6 साल बाद इंग्लैंड दौरे पर गई थी। 4 मैच की टेस्ट सीरीज से पहले भारत को इंग्लैंड और श्रीलंका के खिलाफ ट्रायंगुलर सीरीज खेलनी थी। भारत ने अपने कैंपेन की शुरुआत इंग्लैंड के खिलाफ जीत से की। 272 रन को चेज करते हुए टीम इंडिया ने 6 विकेट से जीत हासिल की। नेटवेस्ट सीरीज के फाइनल तक के सफर में भारत को सिर्फ एक हार इंग्लैंड के खिलाफ ही मिली।
फाइनल में एक बार फिर भारत और इंग्लैंड की टीम आमने-सामने थी। लॉर्ड्स में इंग्लैंड ने पहले बैटिंग करते हुए 325 रन का पहाड़नुमा स्कोर खड़ा किया। टारगेट चेज करते हुए टीम इंडिया को गांगुली ने शानदार शुरुआत दी और फिफ्टी लगाई। एक समय टीम का स्कोर बिना कोई विकेट गंवाए 106 रन था। इसके बाद भारत ने 39 रन के अंदर 5 विकेट गंवा दिए। क्रीज पर युवा युवराज सिंह और मोहम्मद कैफ मौजूद थे।
नेटवेस्ट सीरीज जीतने के बाद सौरव गांगुली और टीम इंडिया।
इन दोनों ने भारत को बेस्ट कमबैक करवाया और छठे विकेट के लिए 121 रन की पार्टनरशिप की। आखिरी ओवर में भारत को जीतने के लिए 2 रन चाहिए थे। क्रीज पर कैफ और जहीर खान मौजूद थे। एंड्र्यू फ्लिंटॉफ बॉलिंग कर रहे थे। तीसी गेंद पर 2 रन बनाकर भारत ने 2 विकेट से मैच जीत लिया। इसके बाद 4 मैच की टेस्ट सीरीज 1-1 से ड्रॉ रही थी।
3. 2002 चैंपियंस ट्रॉफी, श्रीलंका
नेटवेस्ट सीरीज जीतने के 2 महीने बाद टीम इंडिया चैंपियंस ट्ऱॉफी खेलने श्रीलंका पहुंची थी। इस बार टीम इंग्लैंड में जीतकर कॉन्फिडेंट थी। टीम इंडिया को इस टूर्नामेंट में कोई स्पॉन्सर नहीं मिला था। पर इससे टीम के परफॉर्मेंस में कोई फर्क नहीं पड़ा। टीम ने प्री-क्वार्टर फाइनल में जिम्बाब्वे को 14 रन, क्वार्टर फाइनल में इंग्लैंड को 8 विकेट और सेमीफाइनल में साउथ अफ्रीका को 10 रन से हराकर लगातार दूसरी बार फाइनल में एंट्री की।
2002 चैंपियंस ट्रॉफी के साथ श्रीलंका के कप्तान सनथ जयसूर्या और सौरव गांगुली।
हालांकि, बारिश ने फाइनल का मजा किरकिरा कर दिया। श्रीलंका ने 50 ओवर बैटिंग की, लेकिन इसके बाद भारी बारिश की वजह से मैच को रिजर्व डे में कराने का फैसला लिया गया। इस मैच में ICC ने हैरानी भरा फैसला लेते हुए, मैच को जहां पिछले दिन खत्म हुआ, उस जगह से शुरू करने की बजाय, फिर से शुरू करने को कहा। पर बारिश ने एकबार फिर खलल डाली और मैच रद्द हो गया। भारत और श्रीलंका को जॉइंट विनर्स डिक्लेयर किया गया।
4. पाकिस्तान में वनडे और टेस्ट सीरीज में जीत
2004 में टीम इंडिया पाकिस्तान के दौरे पर गई थी। यहां उन्हें 3 टेस्ट और 5 वनडे की सीरीज खेलनी थी। यह भारत का 15 साल में पहला पाकिस्तान दौरा था। पॉलिटिकल टेंशन की वजह से 1989 के बाद टीम इंडिया वहां नहीं गई थी। इसलिए यह दौरा भारत के लिए महत्वपूर्ण था, पर गांगुली ने इसमें तीरंगा को झुकने नहीं दिया और 2-1 से टेस्ट सीरीज और 3-2 से वनडे सीरीज अपने नाम की।
कराची में पहले वनडे में भारत ने 5 रन से जीत हासिल की थी।
कराची में हुए पहले वनडे में करीब 700 रन बने। भारत ने पहले बैटिंग करते हुए 7 विकेट पर 349 रन बनाए। जवाब में पाकिस्तान की टीम 8 विकेट पर 344 रन ही बना सकी। आखिरी बॉल पर पाकिस्तान को ड्रॉ के लिए 6 रन चाहिए थे, पर टीम 1 रन ही बना सकी। अगले 2 मैच पाकिस्तान ने अपने नाम किए। भारत को सीरीज बचाने के लिए चौथे वनडे में जीत जरूरी थी।
चौथे वनडे में पाकिस्तान ने 294 रन का टारगेट दिया। जवाब में टीम इंडिया ने 92 रन पर 4 विकेट गंवा दिए थे। इसके बाद राहुल द्रविड़ और कैफ ने 132 रन की नाबाद साझेदारी कर भारतीय टीम को जीत दिलाई। पांचवें वनडे में वीवीएस लक्ष्मण की सेंचुरी की बदौलत भारत ने 294 रन का टारगेट दिया।
वनडे सीरीज की ट्रॉफी के साथ टीम इंडिया।
इरफान पठान ने पाकिस्तान को शुरुआती झटके दिए और 3 विकेट लिया। इसके बाद लक्ष्मीपति बालाजी ने 3 और विकेट लेकर पाकिस्तान की पारी को समेट दिया। भारत ने 40 रन से मैच जीता और सीरीज पर भी कब्जा किया।
इसके बाद फोकस टेस्ट सीरीज पर शिफ्ट हुआ। वीरेंद्र सहवाग ने मुल्तान में हुए पहले टेस्ट में 309 रन की पारी खेली और भारत ने 1-0 से टेस्ट सीरीज में लीड हासिल की। दूसरे टेस्ट में युवराज ने सेंचुरी लगाई, पर भारत यह मैच हार गई।
टेस्ट सीरीज जीतने के बाद भारतीय टीम के खिलाड़ी।
चोट की वजह से गांगुली पहला 2 टेस्ट नहीं खेल पाए थे। तीसरे टेस्ट में गांगुली ने वापसी की और द्रविड़ के 270 रन की पारी की बदौलत पाकिस्तान को तीसरे टेस्ट में पारी और 121 रन से हराया और 2-1 से टेस्ट सीरीज अपने नाम की।
5. 2003 वर्ल्ड कप
2003 वर्ल्ड कप में गांगुली के 4 साल तक टीम पर की गई मेहनत का असली टेस्ट था। भारतीय टीम ने इस टूर्नामेंट में न्यूजीलैंड के खिलाफ 7 मैचों की सीरीज 5-2 से हारकर पहुंची थी। टूर्नामेंट के दूसरे मैच में भारत को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ हार का सामना करना पड़ा। इसके बाद तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने टीम इंडिया को लेकर स्पीच दिया। इस भाषण ने भारत का आत्मविश्वास बढ़ाने में मदद की।
2003 वर्ल्ड कप के सेमीफाइनल में पाकिस्तान के खिलाफ मैच जीतने के बाद भारतीय कप्तान सौरव गांगुली और वकार यूनुस।
इसके बाद भारत ने लगातार 8 मैच जीते। सुपर-6 में भारत ने न्यूजीलैंड को 7 विकेट से हराया। यह भारत की न्यूजीलैंड पर किसी ICC टूर्नामेंट में आखिरी जीत है। इसके बाद अब तक टीम किसी बड़े टूर्नामेंट में न्यूजीलैंड के खिलाफ नहीं जीत सकी है। सेमीफाइनल में भारत ने केन्या को हराकर फाइनल में जगह पक्की की।
2003 वर्ल्ड कप जीतने के बाद भारतीय टीम।
फाइनल में भारत के सामने ऑस्ट्रेलियाई टीम थी। भारतीय गेंदबाजी खराब रही और कंगारू टीम ने 50 ओवर में 359 रन बनाए। इसके जवाब में भारत ने 59 रन पर 3 विकेट गंवा दिए थे। सहवाग और द्रविड़ ने हालांकि पारी संभालने की कोशिश की। पर भारत यह मैच 125 रन से हार गया।
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